नवल वर्ष तेरा अभिनन्दन हो! नवल चेतना, नवल सृजन हो, मंजुल मंगल परिवर्तन हो, नवल वर्ष की मधुर छाँव में पुलकित प्रमुदित जन-जीवन हो! नवल वर्ष तेरा…………………(१) नवल राह हो, नवल चाह हो, नवल सोच हो, नव उछाह हो, नवल भावना, नवल कामना नवल कर्म, नव जागृत मन हो! नवल वर्ष तेरा…………………(२) नव गिरि-कानन, गगन नवल हो, नवल पवन हो, चमन नवल हो, मानवता की नवल पौध हो, और नवल जीवन-दर्शन हो! नवल वर्ष तेरा…………………(३) - राजेश मिश्र