आए हैं राम हमारे, आज मेरे द्वारे। सिय लक्ष्मण संग पधारे, आज मेरे द्वारे।। प्रभु ने आज दया दिखलाई। जनम-जनम की निधि है पाई।। सुर-मुनि को भी दुर्लभ हैं जो। आज हमारे द्वार खड़े वो।। दशरथ के प्राण अधारे, आज मेरे द्वारे। आए हैं राम हमारे, आज मेरे द्वारे।। प्रिय हनुमान साथ में आए। तन-मन झूमे, दृग जल छाए।। बावरि की गति भई हमारी। दर्शन दिए भगत भय हारी।। बन चातक नैन निहारें, आज मेरे द्वारे। आए हैं राम हमारे, आज मेरे द्वारे।। धन्य-धन्य यह अधम शरीरा। जिसको स्पर्श किए रघुवीरा।। चाहूँ नहिं कैवल्य परम पद। केवल प्रभु चरणों की चाहत।। सेवूँ नित साँझ-सकारे, आज मेरे द्वारे। आए हैं राम हमारे, आज मेरे द्वारे।। सिय लक्ष्मण संग पधारे, आज मेरे द्वारे। आए हैं राम हमारे, आज मेरे द्वारे।।