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खुश रहती है वह

खुश रहती है वह, क्योंकि
खुश रहना उसकी आदत है
उसका स्वभाव है
उसकी जात है
उसका धर्म है

खुश रहती है वह, क्योंकि
ढूँढ लेती है खुशियाँ
रोज़मर्रा के कामों में
ज़िन्दगी की छोटी-छोटी बातों में
अपनी सकारात्मक सोच के साथ

खुश रहती है वह, क्योंकि
वह किसी से कोई अपेक्षा नहीं रखती
किसी से प्रत्युपकार नहीं चाहती
बस, बढ़ती जाती है अपने कर्तव्य पथ पर
निर्विकार, प्रसन्नचित्त

और खुश रहती है हरदम!

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