मनभावन तुम मनमीत मेरे। तुमसे ही हैं ये गीत मेरे।। जीवन के पतझड़ की बहार। निर्झर नयनों का पुलक प्यार। साँसों का सुखद स्पर्श तेरी, मलयज शीतल सुरभित बयार।। मृदु वचन सुभग संगीत तेरे।। तुमसे ही हैं ये गीत मेरे।। तेरा यौवन तेरी काया। काले केशों की घन छाया। बाहें तेरी ज्यों कमलनाल, अधरों पर अरुण अरुण छाया।। हर हाव-भाव में प्रीत तेरे।। तुमसे ही हैं ये गीत मेरे।। झंकृत करके मन-वीण तार। धुन छेड़ो जिसमें प्यार-प्यार। हम डूबें डूबें, जग डूबे, हो प्रेम वृष्टि ऐसी अपार।। कर दो बेसुध मनमीत मेरे।। तुमसे ही हैं ये गीत मेरे।। जीवनधारा, जीवनसंगिनि। जीवन नहिं जीवन तेरे बिन। यूँ ही बरसाती रहना तुम, यह प्रेम-सुधा मुझ पर निशिदिन।। हे हृदयेशा परिणीत मेरे।। तुमसे ही हैं ये गीत मेरे।।