बुधवार, 10 सितंबर 2025

ललकार

वे जो घात लगाये बैठे
सतत लार टपकाये बैठे 
श्रीलंकाई, बांग्लादेशी
नेपाली घटनाओं जैसी 
घटना कोई भारत में हो 
देश हमारा गारत में हो
भ्रम उनका हम दूर करेंगे
दर्प स्वप्न सब चूर करेंगे।।१।।

हाँ कुछ सदियों पराधीन थे
बँटे हुए थे, दीन-हीन थे
लेकिन वह पल बदल गया है
भारतवासी सँभल गया है
अब कोई आक्रांता आये
इस धरती पर आँख उठाये
भ्रम उनका हम दूर करेंगे
दर्प स्वप्न सब चूर करेंगे।।२।।

अरब फारसी यूनानी हो
हूण मुगल या क्रिस्तानी हो 
डीप स्टेट, दलाल हों उसके
बार-मेड या लाल हों उसके
अरि पूरब पश्चिम उत्तर में
आस्तीन के साँप जो घर में
भ्रम उनका हम दूर करेंगे
दर्प स्वप्न सब चूर करेंगे।।३।।

श्रेष्ठ हमारे महाबली थे
लेकिन दुश्मन क्रूर छली थे
ये शरणागत के रक्षक थे
वे अपनों के ही भक्षक थे
मानवता को नृशंसता से 
जिनने कुचला बर्बरता से
भ्रम उनका हम दूर करेंगे
दर्प स्वप्न सब चूर करेंगे।।४।।

भारत जिनको खटक रहा है
गले सनातन अटक रहा है 
या तो अपनी सोच बदल लें
अब भभूत माथे पर मल लें
छोड़ें टोपी, क्रॉस उतारें
केसरिया बाना तन धारें
या भ्रम उनका दूर करेंगे
दर्प स्वप्न सब चूर करेंगे।।५।।

- राजेश मिश्र

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