एक पक्ष सिर पर बैठाए, अरु दूजा तलवार चलाए
सबका साथ नहीं हो सकता।
लव विश्वास नहीं हो सकता।।
सदियों का इतिहास देख लो
दूर देख लो, पास देख लो
काफिर तो काफिर हैं, उनका
अपनों से नित घात देख लो
एक पक्ष सँग ईद मनाए, अरु दूजा पत्थर बरसाए
सबका साथ नहीं हो सकता।
लव विश्वास नहीं हो सकता।।१।।
वे धर्मान्ध कुटिल कामी खल
कुत्सित क्रूर भेड़ियों के दल
खाल भेद की ओढ़ घूमते
मौका मिलते ही करते छल
भाँति-भाँति जेहाद चलाएँ, हर चौराहे पर फट जाएँ
उनका साथ नहीं हो सकता।
लव विश्वास नहीं हो सकता।।२।।
उनके जेहन में किताब है
हूर मिलेंगी, यही ख्वाब है
दुनिया में यदि अमन-चैन है
फिर इनको अतिशय अज़ाब है
जितनी ऊँची शिक्षा पाते , उतने कट्टर होते जाते
उनका साथ नहीं हो सकता।
लव विश्वास नहीं हो सकता।।३।।
लय = रंचमात्र, थोड़ा, अल्प।
अज़ाब = तकलीफ, दुख, कष्ट।
- राजेश मिश्र
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