आओ मिलकर दीप जलाएँ ।।
हर जन हों खुशहाल यहाँ पर,
हर मन का अवसाद मिटाएँ ।।
आओ मिलकर दीप जलाएँ ।।
हर कोने से भगे अँधेरा,
हर कोने में जगे उजाला ।
ज्ञान-प्रकाश चहूँ दिशि फैले,
हर हिय भरा प्रेम का प्याला ।।
ऐसी ज्योति जले जग जगमग,
छवि बिलोकि रवि कोटि लजाएँ ।।
आओ मिलकर दीप जलाएँ ।।
भूखे पेट न सोए हरिया,
हर तन कपड़ा, हर मन शिक्षा ।
बिटिया निकले जब जी चाहे,
बचपन कहीँ न माँगे भिक्षा ।।
घर-घर में पलतीं हों खुशियाँ ,
हम ऐसा इक राष्ट्र बनाएँ ।।
आओ मिलकर दीप जलाएँ ।।
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