सोचा है शिकायत को अब मौका नहीं देंगे,
दुनिया की इनायत को अब मौका नहीं देंगे॥
लायेंगे फूल उपवन से छाँट-छाँटकर,
हम भीड़ की रवायत को अब मौका नहीं देंगे॥
पालेंगे ख्वाब पलकों में पुतलियों की तरह
टूट जाए नजाकत को अब मौका नहीं देंगे॥
रखेंगे उसको दिल से कलेजे से लगाकर,
भाई की अदावत को अब मौका नहीं देंगे॥
लाये हैं वो दवा कि जो जान ले लेगी,
परजीवियों की चाहत को अब मौका नहीं देंगे॥
हम हिंद के सपूत मिट जायेंगे शान से,
दुश्मनों की कवायद को अब मौका नहीं देंगे॥
दुनिया की इनायत को अब मौका नहीं देंगे॥
लायेंगे फूल उपवन से छाँट-छाँटकर,
हम भीड़ की रवायत को अब मौका नहीं देंगे॥
पालेंगे ख्वाब पलकों में पुतलियों की तरह
टूट जाए नजाकत को अब मौका नहीं देंगे॥
रखेंगे उसको दिल से कलेजे से लगाकर,
भाई की अदावत को अब मौका नहीं देंगे॥
लाये हैं वो दवा कि जो जान ले लेगी,
परजीवियों की चाहत को अब मौका नहीं देंगे॥
हम हिंद के सपूत मिट जायेंगे शान से,
दुश्मनों की कवायद को अब मौका नहीं देंगे॥
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जवाब देंहटाएंलायेंगे फूल उपवन से छाँट-छाँटकर,
हम भीड़ की रवायत को अब मौका नहीं देंगे॥
हम हिंद के सपूत मिट जायेंगे शान से,
दुश्मनों की कवायद को अब मौका नहीं देंगे॥
Bahut hi Sundar Rachna. Thank you for tag me.
Om – Onkaar – Allah – God - Om.Sai.Ram - Madre.Watan.Hind - Vande.Matram.
Dhanywaad Ghulam ji
जवाब देंहटाएंहम हिंद के सपूत मिट जायेंगे शान से,
जवाब देंहटाएंदुश्मनों की कवायद को अब मौका नहीं देंगे//
jai ho bhai ki //
वाह वाह राजेश जी ...रखेंगे उसको दिल से कलेजे से लगाकर, भाई की अदावत को अब मौका नहीं देंगे..बहुत सुन्दर प्रस्तुति !बहुत बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंbahut khoob likh hai...sundar rachna ke liye badhai...
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