मेरे नसीब ने मुझे पुकारा एक दिन
रोशनी का मिल गया इशारा एक दिन
अभी तो खिज़ां का पहरा है चमन पर
होगा बहारों का नज़ारा एक दिन
कब तलक भटकेंगे सागर की गर्त में
हमको मिल ही जाएगा किनारा एक दिन
आज तो धरती पर पाँव रक्खा है
आसमां हो जाएगा हमारा एक दिन
अभी तो इन जुगनुओं को पास में रखिए
तोड़कर ले आऊँगा मैं तारा एक दिन
रोशनी का मिल गया इशारा एक दिन
अभी तो खिज़ां का पहरा है चमन पर
होगा बहारों का नज़ारा एक दिन
कब तलक भटकेंगे सागर की गर्त में
हमको मिल ही जाएगा किनारा एक दिन
आज तो धरती पर पाँव रक्खा है
आसमां हो जाएगा हमारा एक दिन
अभी तो इन जुगनुओं को पास में रखिए
तोड़कर ले आऊँगा मैं तारा एक दिन
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