कितनी बार बताएं तुमको?
सोये रहे, निपट जाओगे।
अब तो योगी भी बोले हैं,
बँट जाओगे, कट जाओगे।।
पल-पल संकट बढ़ा आ रहा,
शत्रु सतत सिर चढ़ा आ रहा।
समय नहीं है अब सोने का,
सोकर सरबस खो देने का।
शस्त्र-शास्त्र से सज्जित ही तुम,
उसके सम्मुख डट पाओगे।।
अब तो योगी भी बोले हैं,
बँट जाओगे, कट जाओगे।।
विपदा चौखट तक आ पहुँची,
क्यों तुमको यह भान नहीं है?
बहू-बेटियाँ चीख रही हैं,
फटते तेरे कान नहीं हैं?
राम-कृष्ण की सन्तानें तुम,
मातृ दमन क्या सह जाओगे?
अब तो योगी भी बोले हैं,
बँट जाओगे, कट जाओगे।।
मार भगाओ, या मर जाओ,
बस इतना अधिकार तुम्हें है।
कायर बन चुप रहते हो तो,
जीवन पर धिक्कार तुम्हें है।
भारत माता तुम्हें पुकारे,
क्या तुम पीछे हट पाओगे?
अब तो योगी भी बोले हैं,
बँट जाओगे, कट जाओगे।।
- राजेश मिश्र
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