आये राघव सरकार, मङ्गल गान करो।
करने निज जन उद्धार, मङ्गल गान करो।।
नील सरोरुह श्यामल सुन्दर।
पूरणकाम राम सुख सागर।।
चिदानन्द सत् पुरुष परात्पर।
षड्विकार तम पुञ्ज दिवाकर।।
परब्रह्म सगुण साकार, मङ्गल गान करो।
आये राघव सरकार, मङ्गल गान करो।।
निरख-निरख प्रभु-छवि अति पावनि।
जन-मन रञ्जनि ताप नसावनि।।
जगजननी की शोभा न्यारी।
पुलक गात झूमें नर-नारी।।
मन मुदित सकल संसार, मङ्गल गान करो।
आये राघव सरकार, मङ्गल गान करो।।
मर्यादा पुरुषोत्तम आये।
धर्म-ध्वजा चहुँ-दिशि फहराये।।
वेद-शास्त्र सब भये सुखारी।
गावें प्रभु की महिमा न्यारी।।
गूँजे है मन्त्रोच्चार, मङ्गल गान करो।
आये राघव सरकार, मङ्गल गान करो।।
- राजेश मिश्र
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