मैं नारी हूँ !
विधाता की अनुपम सृष्टि/
ममतामयी दृष्टि/
भावनाओं की वृष्टि।
मैं जीवनदायिनी
पालक/पोषक हूँ,
सारे दुखों की
अवशोषक हूँ ।
प्रेम की
परिभाषा हूँ,
ज्ञानियों की
जिज्ञासा हूँ,
थकित मन की
आशा हूँ,
कामुक तन की
अभिलाषा हूँ ।
साक्षात दुर्गा हूँ
काली/लक्ष्मी/पार्वती
वीणावादिनी हूँ मैं,
मोहिनी/रम्भा/मेनका
कामायिनी हूँ मैं ।
भक्तों की
भक्ति हूँ मैं,
प्रकृति की
सृजन-शक्ति हूँ मैं ।
मैं नारी हूँ !
WOMEN ARE ABLE TO WORSHIP DUE TO HER DEEDS...SUNDER
जवाब देंहटाएंभारत भूमि को देवभूमि इसलिए कहा जाता है क्यूँकि हमारी भारतीय संस्कृति ने सदैव उच्च नारी चरित्र निर्मित किया है और हिन्दू समाज ने अपनी माँ,बहिन बेटियों और बहुओं को सम्मान और उच्च स्थान दिया है..हमारे देश में जब जब स्त्रियों पर अत्याचार हुआ समाज का मुह कलंकित हुआ है..अतः अपने उच्च आदर्शों का सम्मान करते हुए अगर हम नारी को उसकी योग्यता के अनुसार न्याय दे सकें तो सर्वश्रेष्ठ व्यवहार होगा..शिव की शक्ति को सादर नमन....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद बबन भाई, चेतन जी!
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