वचन पावन मत भुलाओ, प्राण मेरे!
छोड़कर मुझको न जाओ, प्राण मेरे!
बस तुम्हारे सँग रहूँगी,
तपन-शीतलता सहूँगी।
सुख सभी तुमको समर्पित,
दुख तुम्हारा बाँट लूँगी।।
विकल तन-मन तरस खाओ, प्राण मेरे!
छोड़कर मुझको न जाओ, प्राण मेरे!……(१)
भूख को व्रत जान लूँगी,
तरु तले घर मान लूँगी।
कामनाएँ त्याग सारी
इक तुम्हारा नाम लूँगी।।
साथ ले लो, मान जाओ, प्राण मेरे!
छोड़कर मुझको न जाओ, प्राण मेरे!……(२)
ये महल के भोग सारे,
वसन-भूषन बिन तुम्हारे।
दाहते तन, ले चलो बस
वपुस् वल्कल वस्त्र धारे।।
विरह-दुख में मत जलाओ, प्राण मेरे!
छोड़कर मुझको न जाओ, प्राण मेरे!……(३)
- राजेश मिश्र
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