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मैं रचनाकार नहीं हूँ!

मैं नहीं हूँ रचनाकार!

चुरा लेता हूँ
दो शब्द यहाँ से
दो शब्द वहाँ से
रूपक यहाँ से
छंद वहाँ से
पिरोता हूँ अपने भावों के धागे में
प्रस्तुत करता हूँ साभार
मैं नहीं हूँ रचनाकार!

न उपाधि, न सृजनशीलता
शब्द सरल हैं, नहीं जटिलता
न विषय चयन की क्षमता
न साहित्यिक दुर्गमता
है थोड़ी सी संवेदनशीलता
फलतः हो जाता उद्विग्न
व्यक्त करता हूँ हृदयोद्गार
मैं नहीं हूँ रचनाकार!

कटाक्ष करते हैं लोग
धिक्कारते हैं मुझे
मन भी धिक्कारता है मेरा
समझाता हूँ उसे -
नीयत बुरी नहीं है
अपने भाव व्यक्त करना चाहता हूँ
लोगों के समक्ष
अपने विचार प्रकट करना चाहता हूँ
पर नहीं करता स्वीकार
कोसता है बारम्बार
मैं नहीं हूँ रचनाकार!
मैं नहीं हूँ रचनाकार!!!

(सादर समर्पित उन स्नेही स्वजनों को, जिनकी आलोचना का केंद्र-बिंदु हम जैसे सामान्य जन होते हैं जो सीखने की कोशिश में लिखने की कोशिश करने से बाज नहीं आते...)

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